एक्सपोजर और लक्षण
1. ऐसे चार प्राथमिक तरीके हैं जिनमें आप कीटनाशकों से प्रभावित हो सकते हैं, त्वचा (त्वचा संबंधी), आँखें (आंख संबंधी), फेफड़े (सांस लेने से संबंधित), और मुंह (मौखिक रूप से)|
2. 97% एक् सपोज़र त्वचा के माध्यम से होता है| संरूपणों को समाहित करने की शरीर के अंगों की क्षमता भिन् न-भिन् न होती है| पानी में विलेय तरलों या पाउडर, वेटेबल पाउडर, धूल और दानेदार कीटनाशक इमल् सीकरणीय कंसेन्ट्रेट्स जैसे तेल आधारित तरल संरूपणों के विपरीत आसानी से प्रविष् ट नहीं होते हैं|
3. अनुप्रयोग की तकनीकें जोख़िम स्तरों को प्रभावित करती हैं। बड़े जोख़िम अक्सर ऊपरी अनुप्रयोगों के दौरान होते हैं, जैसे कि धुंध और धूल के लिए ब्लोअर का उपयोग करना या मवेशी और पालतू पशुओं को नहलाना| दस्तानों और हाथों के माध् यम से कीटनाशक शरीर के अन्य अंगों में पहुंच सकते हैं। जोख़िम पीपीई, आयु और स्वास्थ्य पर भी निर्भर कर सकता है।
4. कुछ स्थितियों में आंखों के माध्यम से अवशोषण विशेष रूप से ख़ तरनाक हो सकता है|
5. आँखों का जोख़िम वायुजनित धूल, कणों, छिड़काव, छलकाव, टूटी हुई पाइप, स्प्रे मिस् ट या दूषित हाथों या कपड़े से आंखों को रगड़ने के कारण हो सकता है।
6. फेफड़े का जोख़िम कीटनाशकों की मिक्सिंग, लोडिंग या उनके अनुप्रयोग के समय हो सकता है|
7. सांस से लेने से नाक, गले, फेफड़े के ऊतक को नुकसान पहुंच सकता है और यह रक्तप्रवाह में प्रवेश करके अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है|
8. मौखिक जोख़िम कीटनाशकों की मिक्सिंग, लोडिंग या उनके अनुप्रयोग, या उपकरण की सफाई करने के दौरान हो सकता है| कभी भी नोज़ल की सफाई अपने मुंह से न करें| अपने हाथों को धोये बिना कभी भी खान-पान या धुम्रपान न करें|
9. रसायनों को कभी भी अचिन्हित डिब् बों में न पलटें या सार्वजनिक स्थानों पर रखें|
10. कीटनाशक को मापने वाले सभी कप और डिब् बे ठीक से चिन्हित होने चाहिए और उन्हें खाद्य या पेय पदार्थों से अलग रखना चाहिए|
11. अत्यधिक विषैलापन एक बार की जोख़िम घटना से होता है, जो एक् सपोज़र के सेकेंडों या मिनटों के भीतर दिखाई देती है|
12. पुराना विषैलापन लम्बे समय का जोख़िम है, जो हफ़्तों, महीनों या वर्षों में होता है| पुराने विषैलेपन के एक् सपोज़र को सीमित करके तथा कीटनाशक के रखरखाव व अनुप्रयोग के समय लेबल के समस् त निर्देशों का पालन करके कम करें।
13 .विषैलेपन के लक्षणों में मतली, चक्कर आना, पिनपॉइंट पुतलियाँ, पसीना, उल्टी और दस्त शामिल हो सकते हैं। दीर्घकालिक प्रभावों के कुछ उदाहरणों में आनुवंशिक परिवर्तन, गैर-कैंसरग्रस्त या कैंसरग्रस्त ट्यूमर, प्रजनन प्रभाव, रक्त विकार, तंत्रिका विकार तथा अन् य कुछ ऐसे ही रोग हो सकते हैं|
14. लीवर और किडनी वे प्रमुख अंग हैं जो शरीर में रसायन को फ़िल्टर और भंग करते हैं
15 -घुलनशीलअ रसायन भंग नहीं हो सकते हैं और अंत में शरीर और स्तन के दूध में फैटी डिपॉजिट्स में जमा होते हैं।
16. शरीर एंजाइमों का उत्पादन करते हैं जो रसायनों का विषहरण करने में सहायता करते हैं। हालांकि निरंतर या प्राय: होने वाला एक् सपोज़र इन रसायनों को भंग करने और इनको खत्म करने की शरीरिक क्षमता को समाप् त कर सकता है।
17. क्योंकि लक्षण व्यापक रूप से भिन्न होते हैं, चिकित्सा पेशेवरों को उन्हें ठीक से पहचानने और उनका इलाज करने का प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता होती है। ईपीए की एक पुस्तिका है जिसका नाम रिकग्निशन एंड मैनेजमेंट ऑफ़ पेस्टिसाइड पॉइजनिंग्स है| इसे ईपीए की वेबसाइट से ख़रीदा जा सकता है।
18. अगर लक्षण एक् सपोज़र के 24 घंटे के भीतर दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें| आप अपने कीटनाशक लेबल लेकर जाएँ| इससे इलाज के उचित तरीके का निर्धारण करने में मदद मिलेगी। सामान्य बीमारी जैसे फ्लू, निमोनिया या यहां तक कि हैंगओवर में भी कीटनाशक के एक् सपोज़र के समान लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, प्रत् येक सावधानी बरतें और यह सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा सहायता लें कि लक्षण कीटनाशक से संबंधित नहीं है।
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